Trichoderma Kaise banayen Hindi Informative 4 farmer
Trichoderma Kaise banayen
Trichoderma Kaise banayen
ट्राइकोडर्मा उत्पादन विधि
ट्राइकोडर्मा के उत्पादन की ग्रामीण घरेलू विधि में कण्डों (गोबर के उपलों) का प्रयोग करते हैं। खेत में छायादार स्थान पर उपलों को कूट कूट कर बारिक कर देते हैं। इसमें 28 किलो ग्राम या लगभग 85 सूखे कण्डे रहते हैं। इनमें पानी मिला कर हाथों से भली भांति मिलाया जाता है। जिससे कि कण्डे का ढेर गाढ़ा भूरा दिखाई पड़ने लगे। अब उच्च कोटी का ट्राइकोडर्मा शुद्ध कल्चर 60 ग्राम इस ढेर में मिला देते हैं। इस ढेर को पुराने जूट के बोरे से अच्छी तरह ढक देते है और फिर बोरे को ऊपर से पानी से भिगो देते हैं। समय समय पर पानी का छिड़काब बोरे के ऊपर करने से उचित नमी बनी रहती है।
12-16 दिनों के बाद ढ़ेर को फावडे से नीचे तक अच्छी तरह से मिलाते हैं। और पुनः बोरे से ढ़क देते है। फिर पानी का छिड़काव समय समय पर करते रहते हैं। लगभग 18–20 दिनों के बाद हरे रंग की फफूंद ढ़ेर पर दिखाई देने लगती है। इस प्राकर लगभग 28 से 30 दिनों में ढे़र पूर्णतया हरा दिखाई देने लगता है। अब इस ढे़र का उपयोग मृदा उपचार के लिए करें ।
इस प्रकार अपने घर पर सरल, सस्ते व उच्च गुणवत्ता युक्त ट्राइकोडर्मा का उत्पादन कर सकते है। नया ढे़र पुनः तैयार करने के लिए पहले से तैयार ट्राइकोडर्मा का कुछ भाग बचा कर सुरक्षित रख सकते हैं और इस प्रकार इसका प्रयोग नये ढे़र के लिए मदर कल्चर के रूप में कर सकते हैं। जिससे बार बार हमें मदर कल्चर बाहर से नही लेना पडेगा।
उत्पादन हेतु ध्यान में रखने योग्य बातें
उत्पादन हेतु छायादार स्थान का होना ज़रूरी है।जिससे कि सूर्य की किरणें ढे़र पर सीधी नहीं पड़ें। ढे़र में उचित नमी बनाए रखें।25 – 30 डिग्री सेन्टीग्रड़ तापमान का होना ज़रूरी है।समय-समय पर ढे़र को पलटते रहना चाहिए।
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