Capsicum Shimla mirch ki kheti kaise karen

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शिमला मिर्च की खेती कैसे करें ?   Our Whatsapp Number 9814388969

शिमला मिर्च बहुत नाज़ुक वातावरण मैं पैदा होती है। इसके लिए सोलह से अठारह डिग्री तापमान होना चाहिए। अगर ये कम है तो पौधे का झड़ और बढ़ोतरी नहीं होती है। शिमला मिर्च के लिए दिन   में तीस डिग्री और रात मैं बीस डिग्री तापमान ठीक है। काम तापमान और खुश्क हवा इसके फूल और फल गिरा देती है। इसमें रौशनी और नमी सहने की क्षमता होती है। ये हर तरह की मिटी मैं उगाई जा सकती है लेकिम रेतली मेरा ज़मीन इसके लिए ठीक है।

शिमला मिर्च के लिए मिटी का PH level 5.5 or 6.8 होना चाहिए

शिमला मिर्च की उन्नत किस्मे :-

पंजाब 27 :-

ये अमेरिका से लाया गया बीज है। ये सलाड और आचार के लिए भी उपयोगी है। इसकी पैदावार 75 क्वेंटल /एकर होती है।

बिजाई के ढंग :- इसकी पौध ओक्टुबर के आखिर मैं बीजी जाती है और दिसंबर जनवरी मैं इसके पौधों को धक दिया जाता है ता की कोहरा नुक्सान न कर सके। और फरबरी के मध्य तक पौध को खेतों मैं लगा दे।

फासला :-

लाइन का फासला साठ सेंटीमीटर और पौधे का फासला तीस सेंटीमीटर रखें।

खाद :- ये फसल खाद बहुत मांगती है। एक एकर मैं बीस टन गोबर खाद डालें पचास किलो न्यट्रोगेन और बीस किलो फ़ॉस्फ़ोरस डालें। और बारह किलो पोटाश डालें।

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सिंचाई :-

एक पानी पौध लगाने के तुरंत बाद और बाकि गर्मिओं मैं चार से पांच दिन बाद और सर्दिओं मैं सात आठ दिन बाद पानी दें।

तुड़वाई :- पौध लगाने के तीन महीने बाद फसल तोड़ने लायक हो जाती है। पूरा अच्छा और नरम फल तोड़ें।

मिर्च और शिमला मिर्च की पौध सुरक्षा कैसे करें ?

कीट (कीड़े ):- इसको हानिकारक कीड़े लग जाते हैं जिस से बचने के लिए कीट नाशक चार सो मिली लीटर मेलाथिऑन पचास EC को सो लिटिर पानी मैं घोल कर पंद्रह बीस दिन बाद स्प्रे करें या हमारे डॉक्टर से whatsapp pe सलाह लें।

बिमारिय :-

फल गलना या टहनी टूटना :-

जैसे ही फल पकना शुरू होता है। तो टहनी के सिरे सूखने शुरू हो जाते हैं और धब्बे पड़ जाते हैं। जो की गुलाबी हो जाते हैं इनको रोकने के लिए

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1   ) बीजने से पहले बीज को दो ग्राम थीरम दवाई से एक किलो बीज के हिसाब से शोध लें।

2   ) फसल पे 750 gram indofil M45 या blitocs को 250 लिटिर पानी मैं घोल कर दस दिन के फर्क से स्प्रे करें चार से ज्यादा स्प्रे न करें। खराब पौधों को नष्ट कर दें। और सही पौधों को हाथ न लगाये या धो कर हाथ लगाये।

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