Strawberry Farming स्ट्रॉबेरी की खेती कैसे करें ?
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जानकारी :- यह के नरम फल है। यह पॉलीहाउस के अंदर और खुले खेत दोनों जगह हो जाता है। स्ट्रॉबेरी दुसरे फलों के मुकाबले जल्दी आमदनी देता है। यह कम लागत और अच्छे मोल का फल है।
स्ट्रॉबेरी में विटामिन -A,B1,B2,नियासिन and vit- C होते हैं। और इसमें मिनरल्स Ca,P and K भरपूर मात्र में होते हैं। एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर फल है।
इस से आइस क्रीम ,कन्फेक्शनरी ,चूइंगम,सॉफ्ट ड्रिंक आदि बनती है। भारत मैं इसकी जियादा खेती उत्तर प्रदेश ,हिमाचल ,कश्मीर और ठन्डे शथल के एरिया में होती है। इसकी खेती पंजाब हरयाणा में भी कर सकते है। अभी इसमें महाराष्ट्र भी लीड कर रहा है। मेघालय सिक्किम और मिजोरम में भी इसकी खेती होने लगी है।
वातावरण और मिट्टी :- चिकनी ,बलुई और अचे पनि निकासी वाली ज़मीन स्ट्रॉबेरी के लिए अच्छी होती है। एसिडिक में PH leve 5.0 to 6.5 होना चाहिए। मिट्टी की नाजुकता तीस से चालीस सेंटीमीटर होनी चाहिए।
जियादा बढ़ावे के लिए बीस से पचीस डिग्री और सात से बारह डिग्री रात मैं
स्ट्रॉबेरी की किस्में
Winter Dawn
KamaRoza
ओफ्रा
कमारोसा
चांडलर
फेयर फॉक्स
ब्लैक मोर
स्वीट चार्ली
एलिस्ता
सीसकेप
स्ट्रॉबेरी की तैयारी
खेत में पौध लगने के लिए
मेट की कतार में 90*45 CM मेट की दुरी 40*45 cm
32000 per acre
80,000 se 85000 Plant पैर हेक्टयेर यानि की 10,000 वर्ग मीटर में लगने चाहिए
पौध लगने का टाइम जुलाई से दसमबर तक होता है विभिन जगह पर विभिन तापमान के हिसाब से।
जड़ को पूरी तरह मिटी में सेट क्र दें। जड़ बहार रहने से सूखने का खतरा होता है। पौध को जियादा तापमान और ठण्ड से इसके ऊपर छाया करनी चाहिए।
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स्ट्रॉबेरी की खाद :- 70 to 80 टन गोबर की खाद एक हेक्टयेर में डालें .
ये खाद एक साल में डालनी है बीस टन पौध लगने से पहले। फिर 20:40:40 NPK KG/हेक्टयेर डालने है। अच्छी फसल के लिए यूरिया दो प्रतिशत ज़िंक सलफत्ते, आधा परतिशत ,कैल्शियम सल्फेट आधा प्रतिशत और बोरिक एसिड 0.2 प्रतिशत अच्छी फसल के लिए मान्य है।
सिंचाई :- सिंचाई जल्दी जल्दी लेकिन हलकी करनी चाहिए। जियादा पनि ठीक नहीं है।
पत्ते गीले न करें। तुपका सिंचाई से कम पानी लग सकता है। पानी खाल में ही लगाए।
खरपतवार (नदीन ) :- हाथ से नदीन हटाए या फिर सिमजिन तीन किलो प्रति हेक्टयेर डालें 300 galen पानी के साथ।
मल्चिंग :- खरपतवार ,मिट्टी की गन्दगी से और दुसरे दुष प्रभाव से बचने के लिए और अच्छी फसल के लिए मल्चिंग करें।
मल्चिंग 6 to 7 तापमान में करें
आर्गेनिक मल्चिंग कैसे करें ?
साफ़ सुखी घास धान की वेस्ट बांस के वेस्ट कोको नोट की वेस्ट।
दूसरा तरीका काली प्लास्टिक और पॉलीथिन।
हल्का और लचकीला पदार्थ लें जो की पौधे की रफ़्तार पर असर na डाले
पॉलीथिन ज़मीन में गलता नहीं है। इसको फसल लेने के बाद हटना पड़ेगा।
कीड़े मकोड़े और दूसरी बिमारिओं से धियान रखना जरूरी है। अगर कोई पौध जियादा खराब है उसको हटा दें।
स्ट्रॉबेरी की तुड़वाई :- जब फल का रंग सतर प्रतिशत असली हो जाये तो तोड़ लेना चाहिए। अगर मार्किट दूरी पर है to थोड़ा सख्त ही तोडना चाहिए। तुड़वाई अलग अलग दिनों मैं करनी चाहिए। स्ट्रॉ बेर्री के फल को नहीं पकड़ना चाहिए। ऊपर से दण्डी पकड़ना चाहिए। औसत फल सात से बारह टन प्रति हेक्टयेर निकलता है।
पैकिंग :- स्ट्रॉबेरी की पैकिंग प्लास्टिक की प्लेटों में करनी चाहिए। इसको हवादार जगह पर रखना चाहिए। जहां तापमान पांच डिग्री हो। एक दिन के बाद तापमान जीरो डिग्री होना चाहिए।
बाकी बिमारिओ और दूसरी ालमतो से बचाव के लिए देसी और अंग्रेजी तरीके दुसरे अध्याय में बताएँगे बीज लेने के लिए और पौध लेने के लिए कांटेक्ट करें 9814388969 www.modernkheti.com regular dekhte rahen
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