गाय का दूध गुणों का भण्डार हैं, Whatsapp 9814105671
इस दूध से अनेक बीमारिया सही होती हैं, जिन कारणों से ही भारत के लोगो में गाय के प्रति अपार स्नेह श्रद्धा और मातृत्व भाव होता हैं। आज हम जानेंगे के दूध के ऐसे अनजाने गुण जो हमने कभी सुने ही नहीं थे और जिन वजहों से ये अमृत तुल्य हैं।
जीवन भर गाय का दूध पीने वाले व्यक्ति कैंसर जैसे भयानक रोगो से बचे रहते हैं। इसका दूध निरंतर सेवन करने से हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति इतनी बढ़ जाती हैं के कोई रोग नज़दीक नहीं फटकता। चाहे वो सर्दी खांसी हो, हृदय रोग हो, पेट के रोग, पुरुषो के रोग हो या स्त्रियों के रोग हो।
गाय के दूध में सोना।
भारतीय नस्ल की गाय की रीढ़ की हड्डी में सूर्यकेतु नाड़ी होती हैं। सूर्य की किरणे जब गाय के शरीर को छूती हैं, तब सूर्यकेतु नाड़ी सूर्य की किरणों से सोना बनाती हैं। इसी कारण गाय के दूध और मक्खन में पीलापन होता हैं, गाय के दूध में विषनाशक तत्व होते हैं। गाय का दूध पीने से शुद्ध सोना शरीर में जाता हैं। दूध में मौजूद प्रोटीन “केसीन” की वजह से इसका रंग सफ़ेद होता हैं। दूध में सबसे पौष्टिक तत्व हैं कैल्शियम और विटामिन डी। कैल्शियम हमारी हड्डियों और दाँतो को मज़बूत बनाता हैं और विटामिन डी कैल्शियम को सोखने में मदद करता हैं।
दूध कैसा पीना चाहिए।
दूध को अधिक देर तक गर्म नहीं करना चाहिए। पतले लोगो को मलाईदार दूध और मोटे लोगो को मक्खन निकला हुआ दूध पीना चाहिए। गाय का आधा किलो दूध अपने विशेष गुणों के कारण 250 ग्राम मांस और तीन अन्डो से अधिक मूल्यवान हैं। दूध पूर्ण भोजन हैं। इसमें सभी प्रकार के जीवनोपयोगी पदार्थ होते हैं।
दूध पीने का समय।
अक्सर लोग दूध रात में पीते हैं, मगर दूध पीने का सब से बढ़िया समय सुबह हैं। दूध का सही पाचन सूर्य की गर्मी से ही होता हैं। कोशिश करे रात की बजाये दूध सुबह ही पिए। और रात को भी पीना हो तो सोने से कम से कम तीन घंटे पहले पिए।
धारोष्ण दूध के फायदे।
धारोष्ण दूध मतलब ताज़ा निकला हुआ, छानकर, बिना गर्म किया हुआ मिश्री या शहद, भिगोई हुयी किशमिश का पानी मिलाकर 40 दिन में वीर्य शुद्ध होता हैं। नेत्रज्योति, स्मरण शक्ति बढ़ती हैं। खुजली, स्नायु दौर्बल्य, बच्चो का सूखा रोग, क्षय रोग(टी बी) हिस्टीरिया, हृदय की धड़कन आदि में उपयोगी हैं। यह छोटे छोटे बालको के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
ज़्यादा उबालने से होते हैं पोषक तत्व नष्ट।
दूध हमेशा ताज़ा धारोष्ण ही पीना चाहिए, यदि ये संभव ना हो तो दूध गर्म कर के पिए, दूध को ज़्यादा नहीं उबालना चाहिए, अधिक उबालने से दूध में ज़रूरी पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। दूध को उलट पुलट कर के झाग बना कर पीना चाहिए, ये झाग बहुत लाभदायक होता हैं।
चीनी मिलाने के नुक्सान।
दूध में चीनी नहीं मिलनी चाहिए। चीनी मिलाने से दूध में मौजूद कैल्शियम नष्ट हो जाता हैं। दूध में प्राकृतिक मिठास होती हैं, थोड़े दिन बिना चीनी का दूध पिएंगे तो आपको दूध की प्राकृतिक मिठास आने लगेगी। अगर मीठा मिलाना हो तो आप फ्लो का रस, मुनक्का को भिगो कर इसका पानी, ग्लूकोस, गन्ने का रस मिला सकते हैं। बुरा खांड या मिश्री मिला हुआ दूध वीर्यवर्धक और त्रिदोष नाशक होता हैं।
जिनको दूध पचता ना हो।
जिन लोगो को दूध पचता नहीं वो लोग दूध में एक पीपल या शहद डाल कर पिए, इस से वायु नहीं बनेगी। दूध शीघ्र पचेगा, दूध अगर बादी करता हो तो अदरक के टुकड़े या सौंठ का चूर्ण और किशमिश मिलकर सेवन करे।
किन रोगो में दूध नहीं पीना चाहिए।
खांसी, दमा, दस्त, पेचिश, पेट दर्द और अपच आदि रोगो में दूध नहीं पीना चाहिए। इन रोगो में ताज़ा छाछ (मट्ठा) पीना चाहिए। घी भी इन रोगो में नहीं लेना चाहिए।
आयुर्वेद में अगर दूध कहा जाए तो इसको भारतीय गाय का दूध ही समझना चाहिए। अगर कोई दूसरे जीव का दूध हो तो वो विशेष रूप से बताया जाता हैं जैसे भैंस का दूध, बकरी का दूध इत्यादि।
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