Adrak Ki Kheti Kaie Karen ,Ginger Farming Hindi Informative 4 Farmers
Adrak Ki Kheti Kaie Karen ,अदरक की खेती, Ginger Farming Hindi
Adrak Ki Kheti Kaie Karen
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अदरक की खेती के लिए ज़मीन का चुनाव :- अदरक की खेती के लिए अच्छी ज़मीन दोमट रेतीली और मेरा ठीक है। इसके लिए खेत को अच्छे से तैयार कर सकते हैं। और लाइन्स में ड्रिप लगा कर और मल्चिंग (dhan se ) बिछा कर अच्छे फायदे भी ले सकते हैं। खेत एस हो जहां पानी न रुके। बगीचे में या बाग़ में भी इसको लगा सकते हैं।
ये काम से काम आठ से नौ महीने की फसल है। इसको अगर रेट काम है तो खेती में जियादा दिन भी रख सकते हैं जिस से इसका कोई नुक्सान नहीं होता। इसकी मल्चिंग जरूरी है चाहे तो पुआल से करें चाहे शीट से। बहुत जियादा धुप न लगे , बहुत जियादा बारिश न लगे
इसके जून के बाद लगाना चाहिए तापमान बहुत जियादा न हो चालीस डिग्री से ऊपर न हो
बीज की मात्रा :- अदरक की जड़ को लगाया जाता है जैसे हम हल्दी लगते हैं। इसके लिए आठ से दस क्विंटल प्रति एकर बीज की जड़ें लगती हैं। जो की रोग मुक्त और अच्छे हों इनको चार से पञ्च सेंटमेटर के टुकड़े कर लिए जाते हैं। जिसमे हरेक टुकड़े का भार पचीस से तीस ग्राम होना चाहिए। एक बीज में दो ऑंखें होनी जरूरी हैं।
बीज सोध :- बीजने से पहले बीजोपचार करना जरूरी है आर्गेनिक के लिए हमारा लेक्चर बीज अमृत देखें। या फिर 0.25 M -45 aur Baviston 0.1 के मिक्स घोल में चौबीस घंटे के लिए रखें फिर छव में सुखाये। और इसके बार लाइन बना कर चार inch मिटटी में दबा दें। लाइन तो लाइन दूरी 2 Fut और पौधे से पौधे की दूरी 4 Inch होनी चाहिए
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अच्छी किस्में :- अदरक की किस्में सुरुचि ,सुप्रभा ,और सुरभि या रजत ,वरदान और भी बहुत सारी देसी बीज हैं।
आरती किस्म समुंद्री किनारों के लिए है।
अधरक की खेती की सिंचाई :-अदरक की मिटटी में पर्यापत नमी होनी जरूरी है। एक सिंचाई लगने के दो दिन बाद लगाए। इसके लिए अगर तुपका सिंचाई या ड्रिप सिस्टम हो तो बहुत ही अच्छा होता है। पनि भी जियादा नहीं लगता। वैसे तो अदरक गर्मी का पौध है लेकिन नमी वाली जगह पर भी अच्छा होता हैं।
अदरक की खाद :- अदरक की खेती से पहले मिटटी की जाँच करवानी जरूरी है इसके लिए आप हमारे व्हाट्सप्प नंबर पर भी कांटेक्ट कर सकते हैं। इसके लिए एक एकर में दस टन गोबर की खाद ,
डेढ़ क्विंटल न्यट्रोजन
साठ किलो फ़ॉस्फ़ोरस
एक सो बीस किलो पोटाश
ज़िंक मिटटी की जाँच के हिसाब से
सल्फर एक किलो प्रति एकर डालें
लोहा आयरन सल्फेट मिटटी की जाँच के हिसाब से
खाद डालने का ढंग :- गोबर खाद डाल कर हल से अच्छे से खेत में मिक्स कर दें। लेकिन बाकि तत्व बुआई से पहले आधे ही डालें और बाकि के आधे दो महीने बाद डालें। पचास +पचास +पचास 3 बार
रोग:- फफूंदी रोग :इस से नीचे की पत्तों पीली हो जाती हैं और पौध कमज़ोर हो जाता है। और जध से जल्दी टूट जाते हैं। ये मिटटी में भी हो सकते हैं। इसके लिए फोटो भेज कर हमारे से व्हाट्सप्प पर कांटेक्ट करें।
पत्ती पर धब्बे :-
खरपतवार :- निराई गुदई करें और मिटटी चढ़ाये काम से काम तीन गुंडई करें या मल्चिंग शीट ऑनलाइन हमारे वेबसाइट से खरीदें।
अदरक सीधा बाजार में बेच सकते हैं| एक एकर में आठ से नो टन प्रति एकर होती हैं।
अदरक का जूस भी बिकता है।
अदरक देसी दवाइओं में भी डलता है।
अदरक खाने में मसाले के तौर पर भी डलता है।
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